आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,

क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .



चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,

तोह चाँद की चाहत किसे होती.



कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,

तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.



कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना,

इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,



जब दिल उब जाए हमसे तोह बता देना,