एक ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं..
दोस्तॊं से दोस्ती तो हर कोई निभाता है..
दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूं, मैं..
जो हम उड़े ऊचाई पे अकेले, तो क्या नया कीया..
साथ मे हर किसी के पंख फ़ैलाना चाह्ता हूं, मैं..
वोह सोचते हैं की मैं अकेला हूं उन्के बीना..
तन्हाई साथ है मेरे, इतना बताना चाह्ता हूं..
ए खुदा, तमंना बस इतनी सी है.. कबूल करना..
मुस्कुराते हुए ही तेरे पास आना चाह्ता हूं, मैं..
बस खुशी हो हर पल, और मेहकें ये गुल्शन सारा "अभी"..
हर कीसी के गम को, अपना बनाना चाह्ता ह