दलबदलू-मायारामदिन - काका हाथरसी
दलबदलू-मायारामदिन दूनी बढ़ने लगी,
जोड़-तोड़ की होड़स्वार्थ ने सिद्धांत का,
दिया झोंपड़ा फोड़दिया झोंपड़ा फोड़,
मिल गए अधिक दाम जीमिस्टर आयाराम,
बन गए ‘गयाराम’ जीकाका,
बढ़ते-बढ़ते ऊंचे दाम हो गए‘गयाराम’ कुछ दिन में ‘मायाराम’ हो गए।