२६ जनवरीकड़की


२६ जनवरीकड़की - काका हाथरसी


२६ जनवरीकड़की
भड़की
मंहगाई भुखमरीचुप रहो आज है
छब्बीस जनवरीकल वाली रेलगाडी सभी आज आई
स्वागत में यात्रियों ने तालियाँ बजाई

नही गए नहीं डरे नही झिड़की सेदरवाज़ा बंद काका कूद गये
खिड़की सेखुश हो रेलमंत्री जी सुन कर खुशखबरीचुप रहो
आज है .......राशन के वासन लिए लाइन में खडे रहोशान
मान छोड़ कर आन पर अडे रहोनल में नहीं जल है
तो शोर क्यो मचाते होड्राई क्लीन कर डालो व्यर्थक्यो
नहाते होमिस्टर मिनिस्टर की
करते क्यो बराबरीचुप रहो आज है ...................छोड़ दो
खिलौने सब त्याग दो सब खेल कोलाइन में लगो
बच्चो मिटटी के तेल कोकागज़ खा
जाएंगी कापिया सब आपकीतो कैसे छपेंगी पर्चियां चुनाव कीपढ़ने में क्या रखा
है चराओ भेड़ बकरीचुप रहो .......................आज है २६ जनवरी- काका हाथरसी