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Dosti khiltay phoolon ki khushboo mai hai
Dosti dhalte suraj ki kirno me hai
Dosti har naye din ki umeed hai
Dosti khwab hai,dosti jeet hai
Dosti pyar hai,dosti geet hai
Dosti do jahano ka sangeet hai
Dosti har khushi,dosti zindagi
Dosti roshni hai, dosti bandagi hai
Dosti sang chalti hawaon me hai
Dosti in barasty ghataon me hai
Dosti doston ki wafaon me hai


Jasbaate ishq naakaam naa hone denge,
Dil ki duniya mein kabhi shaam naa hone denge,
Dosti ka har ilzaam apne sar par le lenge,
Par dost hum tumhe badnaam na hone denge !

जलेबी kaka hathrasi

आए जब इंगलैंड से
भारत - विलियम डंग,
खा कर गरम जलेबियाँ
डंग रह गए दंग,
बोले, "इसे कैसे बनाता,
ताज्जुब है रस भीतर
कैसे घुस जाता"?,
बैरा बोला, "साहब,
इसे आरटिस्ट बनाते,
बन जाती तो,
इंजेक्शन से रस पहुँचाते।

kaka hathrasi

ल्यूना-पन्द्रह' उड़ गया, चन्द्र लोक की ओर
पहुँच गया लौटा नहीं मचा विश्व में शोर
मचा विश्व में शोर, सुन्दरी चीनी बाला
रहे चँद्रमा पर लेकर खरगोश निराला
उस गुड़िया की चटक-मटक पर भटक गया है
अथवा 'बुढ़िया के चरखे' में अटक गया है
कहँ काका कवि, गया चाँद पर लेने मिट्टी
मिशन फैल हो गया हो गयी गायब सिट्टी

पहुँच गए जब चाँद पर, एल्ड्रिन, आर्मस्ट्रोंग
शायर- कवियों की हुई काव्य कल्पना 'रोंग'
काव्य कल्पना 'रोंग', सुधाकर हमने जाने
कंकड़-पत्थर मिले, दूर के ढोल सुहाने
कहँ काका कविराय, खबर यह जिस दिन आई
सभी चन्द्रमुखियों पर घोर निरशा छाई

पार्वती कहने लगीं, सुनिए भोलेनाथ !
अब अच्छा लगता नहीं 'चन्द्र' आपके माथ
'चन्द्र' आपके माथ, दया हमको आती है
बुद्धि आपकी तभी 'ठस्स' होती जाती है
धन्य अपोलो ! तुमने पोल खोल कर रख दी
काकीजी ने 'करवाचौथ' कैंसिल कर दी
सुघड़ सुरीली सुन्दरी दिल पर मारे चोट
चमक चाँद से भी अधिक कर दे लोटम पोट
कर दे लोटम पोट, इसी से दिल बहलाएँ
चंदा जैसी चमकें, चन्द्रमुखी कहलाएँ
मेकप करते-करते आगे बढ़ जाती है
अधिक प्रशंसा करो चाँद पर चढ़ जाती है
प्रथम बार जब चाँद पर पहुँचे दो इंसान
कंकड़ पत्थर देखकर लौट आए श्रीमान
लौट आए श्रीमान, खबर यह जिस दिन आई
सभी चन्द्रमुखियों पर घोर निरशा छाई
पोल खुली चन्दा की, परिचित हुआ ज़माना
कोई नहीं चाहती अब चन्द्रमुखी कहलाना

वित्तमंत्री से मिले, काका कवि अनजान
प्रश्न किया क्या चाँद पर रहते हैं इंसान
रहते हैं इंसान, मारकर एक ठहाका
कहने लगे कि तुम बिलकुल बुद्धू हो काका
अगर वहाँ मानव रहते, हम चुप रह जाते
अब तक सौ दो सौ करोड़ कर्जा ले आत
Dosti karo to dhokha mat dena ;
Doston ko aansuon ka tohfa mat dena;
Dil se roye koi tumhe yaad karke ;
Aisa kisi ko mauka mat dena ;