मूंछ महात्म्य


मूँछ महात्म्य _ काका हाथरसी
मूंछ महात्म्य सुना रहे, सुनो लगाकर कान
ऋषि-मुनि करते रहे, मूंछों का सम्मान

मूंछों का सम्मान कि जिसके मूंछ नहीं थी
भारत में उस प्राणी की कुछ पूछ नहीं थी

कहंकाकाकविराय, फिरंगी जबसे आया
भारत की मूंछों का सत्यानाश कराया।