क्षमा प्रार्थना

क्षमाप्रार्थना _ काका हाथरसी


मिला निमंत्रण आपका,
धन्यवाद श्रीमान,

किंतु हमारे हाल पर कुछ तो दीजे ध्यान।

कुछ तो दीजे ध्यान,
हुक्म काकी का ऐसा,

बहुत कर चुके प्राप्त, प्रतिष्ठा-पदवी-पैसा।

खबरदार, अब कविसम्मेलन में मत जाओ,
लिखो पुस्तकें, हास्य-व्यंग्य के फूल खिलाओ।