तुम डार-डार, हम पात-पात




तुम डार-डार, हम पात-पात _ काका हाथरसी



महालेखापरीक्षक की रपट है गूढ़ ऐसी
गीता के श्लोक-जैसी।
पकड़कर वाक्य या श्लोक एक
अर्थ निकाल लीजिए अनेक।
राजीव को विपक्षी दोषी मान रहे हैं
पक्षी, पंखों का छाता तान रहे हैं।
बचाव की अहम् भूमिका निभा रहे हैं
कांग्रेसी संत
भगत जी और पंत।
वी.पी.सिंह दहाड़ रहे हैं,
देवीलाल मिसमिसा रहे हैं,
रामाराव विश्वामित्र बनकर
शाप देने आ रहे हैं।
क्या होगा भगवान
व्याकुल है धरती, आकुल है अंबर
जजमैंट देंगे मिस्टर दिसंबर।